Om Gam Ganpataye Namah!
I am Rahul Sharma, A Professional Vedic Astrologer, being born & brought up in traditional Brahmin Family, Mythology & Vedic astrology comes natural to me.I feel blessed to be able to help people globally by providing real solutions to their real issues. I believe showing my clients the meaningfulness of their life is the most imp. work that i do with my clients worldwide. I Live for Astrology as i really cant think beyond astrology in my life.
Tuesday, January 27, 2015
Salasar Balaji Aarti -:
Salasar Balaji Aarti -:
Salasar Balaji
जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर वाला ॥चैत सुदी पूनम को जन्मे, अंजनी पवन खुशी मन में ।प्रकट भए सुर वानर तन में, विदित यश विक्रम त्रिभुवन में ।दूध पीवत स्तन मात के, नजर गई नभ ओर ।तब जननी की गोद से पहुंच, उदयाचल पर भोर ।अरुण फल लखि रवि मुख डाला ॥कृपा कर सालासर वालातिमिर भूमण्डल में छाई, चिबुक पर इंद्र वज्र बाए ।तभी से हनुमत कहलाए, द्वय हनुमान नाम पाए ।उस अवसर में रुक गयो, पवन सर्व उन्चास ।इधर हो गयो अंधकार, उत रुक्यो विश्व को श्वास ।भए ब्रह्मादिक बेहाला ।।कृपा कर सालासर वालादेव सब आए तुम्हारे आगे, सकल मिल विनय करन लागे ।पवन कू भी लाए सांगे, क्रोध सब पवन तना भागे ।सभी देवता वर दियो, अरज करी कर जोड़ ।सुनके सबकी अरज गरज, लखि दिया रवि को छोड़ ।हो गया जग में उजियाला ॥कृपा कर सालासर वालारहे सुग्रीव पास जाई, आ गए वन में रघुराई ।हरी रावण सीतामाई, विकल फिरते दोनों भाई ।विप्र रूप धरि राम को, कहा आप सब हाल ।कपि पति से करवाई मित्रता, मार दिया कपि बाल ।दुःख सुग्रीव तना टाला ॥
कृपा कर सालासर वालाआज्ञा ले रघुपति की धाया, लंक में सिंधु लांघ आया ।हाल सीता का लख पाया, मुद्रिका दे वनफल खाया ।वन विध्वंस दशकंध सुत, वध कर लंक जलाय ।चूड़ामणि संदेश सिया का, दिया राम को आय ।हुए खुश त्रिभुवन भूपाला ॥कृपा कर सालासर वालाजोड़ी कपि दल रघुवर चाला, कटक हित सिंधु बांध डाला ।युद्ध रच दीन्हा विकराला, कियो राक्षसकुल पैमाला ।लक्ष्मण को शक्ति लगी, लायौ गिरी उठाय ।देइ संजीवन लखन जियाए, रघुबर हर्ष सवाय ।गरब सब रावन का गाला ॥कृपा कर सालासर वालारची अहिरावन ने माया, सोवते राम लखन लाया।बने वहां देवी की काया, करने को अपना चित चाया ।अहिरावन रावन हत्यौ, फेर हाथ को हाथ ।मंत्र विभीषण पाय आप को, हो गयो लंका नाथ ।खुल गया करमा का ताला ॥कृपा कर सालासर वालाअयोध्या राम राज्य कीना, आपको दास बना दीना ।अतुल बल घृत सिंदूर दीना, लसत तन रूप रंग भीना ।चिरंजीव प्रभु ने कियो, जग में दियो पुजाय ।जो कोई निश्चय कर के ध्यावे, ताकी करो सहाय ।कष्ट सब भक्तन का टाला ॥कृपा कर सालासर वालाभक्तजन चरण कमल सेवे, जात आत सालासर देवे ।ध्वजा नारियल भोग देवे, मनोरथ सिद्धि कर लेवे ।कारज सारों भक्त के, सदा करो कल्याण ।विप्र निवासी लक्ष्मणगढ़ के, बालकृष्ण धर ध्यान ।नाम की जपे सदा माला ॥कृपा कर सालासर वाला
ॐ हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा!ॐ हं हनुमंतये नम: !हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्! Om Tat Sat~
No comments:
Post a Comment